जानिये जीएसटी क्या हैं ? What is GST In Hindi ?
जीएसटी के लागू होते ही बहुत तरह के टैक्स एक अकेले टैक्स में बदल गए जिसे हम “जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स” के नाम से जानते हैं। लेकिन जब जीएसटी को लाया गया तब इससे संबंधित कुछ समस्याओं हर किसी को हुई, इन्हीं मुश्किलों को आसान बनाने के लिए आज हम बात करेंगे जीएसटी की।
जीएसटी क्या हैं? What is GST?
· जीएसटी यानी "गुड्स एंड सर्विस टैक्स"।
· ये वो टैक्स हैं जो सामान की बिक्री पर लगता हैं।
· जीएसटी एक डायरेक्ट टैक्स हैं जो पुराने टैक्स को बदलने के लिए लागू किया गया। उसके पहले सेल्स टैक्स, एक्साइज टैक्स, सर्विस टैक्स जैसे कई तरह के टैक्स लिए जाते थे लेकिन अब उनकी जगह केवल एक टैक्स “जीएसटी” हैं।
·उदाहरण के तौर पर जब कोई प्रोडक्ट या सामान बाज़ार में आता हैं तब उस प्रोडक्ट की बनाई से लेकर बाज़ार मे आने तक का सफर जितना कैपिटल कवर करता हैं जैसे कोई भी वस्तु निर्माण से लेकर अंतिम उपभोग तक कई चरणों के माध्यम से गुजरता है जिसमें कच्चे माल का खरीदना, निर्माण होना, स्टोर करना और बाज़ार में थोक विक्रेता तक पहुंचाने से लेकर बाज़ार मे ग्राहकों तक पहुंचाने का सफर जिसपे केंद्र और राज्य सरकार के अलग अलग टैक्स शुल्क का सिस्टम था अब, बिक्री के हर स्तर पर सिर्फ जीएसटी लगाया जाएगा।
जानते हैं जीएसटी इतना जरूरी क्यों हैं और कितने प्रकार का होता हैं ? Importance of GST-
जैसा की हम जानते हैं की पहले के टैक्स सिस्टम में हर दर पर एक टैक्स था जिसमें सामान फैक्ट्री से निकलता था तब उत्पाद शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी और कई बार कई सामानों पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क यानी एडिशनल एक्साइज ड्यूटी भी लगता था और यही माल जब एक स्टेट से दूसरे स्टेट में ले कर जाया जाता था तब एंट्री टैक्स, उसके बाद सेल्स टैक्स, उसके बाद परचेस टैक्स , और फिर सर्विस टैक्स या लक्ज़री टैक्स। इस तरह किसी सामान या सेवा के ग्राहक के हाथों तक पहुंचने तक कई चरणों की वजह से अलग-अलग रेट से कई टैक्स लग जाते थे।
अब प्रेजेंट सिस्टम में इन सारे टैक्स को हटाकर जीएसटी लागू किया गए जिसने अर्थव्यवस्था को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जानते हैं कैसे-
भारतीय टैक्स संरचना दो भागो में हैं – प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर ।
1. प्रत्यक्ष कर या डायरेक्ट टैक्स वह हैं जो हम डायरेक्ट पे करते हैं। उदाहरण जैसे आयकर विभाग जहां हम आय जमा करते हैं।
2. अप्रत्यक्ष करों के मामले में, टैक्स की देनदारी किसी अन्य व्यक्ति को दी जा सकती है।
उदाहरण के तौर पर जैसे जब कोई दुकानदार अपने किसी सामान की बिक्री करता हैं तब उसे सरकार को जो टैक्स देना होता हैं उसे वैट कहते हैं, अब वो टैक्स सीधे ग्राहक दे सकता हैं ।
यह इसलिए होता है क्योंकि दुकानदार जब वो सामान थोक व्यापारी से खरीदा था तब उसे कर का भुगतान करना पढता था साथ ही सरकार को भी अलग भुगतान करना होता था। लेन-देन के दौरान दुकानदार अपनी जेब से जो भी भुगतान करता है, उसके लिए रिफंड का दावा करने का कोई दूसरा तरीका नहीं है और इसलिए, उसके पास ग्राहक की देयता को पारित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
कैसे काम करेगी जीएसटी? Types Of GST & functioning
जीएसटी के लागू होने से अब कर 3 तरह के होंगे :
• सीजीएसटी: जहां केंद्र सरकार द्वारा राजस्व एकत्र किया जाएगा
• एसजीएसटी: राज्य में बिक्री के लिए राज्य सरकारों द्वारा राजस्व एकत्र किया जाएगा
• आईजीएसटी: जहां अंतरराज्यीय बिक्री के लिए केंद्र सरकार द्वारा राजस्व एकत्र किया जाएगा
किस तरीके से फायदेमंद है जीएसटी इन वर्गों में-
How does GST benefit us-
जीएसटी की वजह से टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता यानी क्लैरिटी बढ गई है। यह सरकार के साथ कारोबारियों और उपभोक्ताओं के लिए भी फायदेमंद है।
1. आम नागरिक के लिए- For Common People
आम नागरिक को बेमतलब के टैक्स (वैट ,सर्विस टैक्स,इत्यादि ) नहीं देने होंगे, जीएसटी के लागू होने से मार्किट में सामान का एक ही दाम होगा यानी बेवजह टैक्स से आज़ादी जिसकी वजह से अब सामान का दाम पहले के मुकाबले कम होगा।
2. कारोबारियों के लिए- For Businessmen
हर स्टेट के अपने अपने नियम कानून होते हैं जिसकी वजह से कारोबारियों को बहुत प्रॉब्लम होती हैं क्युकी हर राज्य के अलग टैक्स स्ट्रक्चर होने से कारोबारियों के लिए उसे मुश्किल था और इतने सारे टैक्स के प्रकार होने से अधिकारी गलत फायदा भी उठाते थे। जीएसटी के लागू होने से कारोबारियों को रियायत मिली साथ ही सारे डॉक्यूमेंट ऑनलाइन होने से किसी तरह की मुश्किल घड़ी में डाक्यूमेंट्स ऑनलाइन मिल सकते हैं ।
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